कसूर तो था ही इन, निगाहों का, जो छुपके से दीदार कर बैठा, हमने तो ख़ामोश, रहने की ठानी थी, पर बेवफ़ा ये जुबान इजहार कर बैठा | happy propse day
दिल ये मेरा तुमसे प्यार, करना चाहता है, अपनी मोहब्बत का, इज़हार करना चाहता है, देखा है जब से तुम्हें मैंने, मेरे सनम, सिर्फ तुम्हारा दीदार, करने को दिल चाहता हैं, Happy Propose Day